Panchayat Season 3 मैं क्या है खास, जो हर किसी को देखना चाहिए
जीतेंद्र कुमार, नीना गुप्ता और रघुबीर यादव अभिनीत TVF सीरीज़, फुलेरा में आगामी चुनावों के साथ दिलचस्प बनाती है।
पिछले दो वर्षों से Panchayat Season 3 का इंतजार कर रहा था, और नवीनतम किस्त आश्चर्य, मनोरंजन, चकाचौंध और लड़खड़ाहट – सब कुछ एक साथ। इस बार, Panchayat Season 3 राजनीतिक हो गई है क्योंकि यह शो ग्रामीण भारत की राजनीति और नौकरशाही पर एक नया अध्याय खोलता है, जिसका नेतृत्व स्क्रीन पर जितेंद्र कुमार, नीना गुप्ता, रघुबीर यादव जैसे असाधारण कलाकारों ने किया है। हालाँकि, इसमें दर्शकों को कुछ दिखाई दे सकती हैं। इसमें राजनीति को ज्यादा दिखाया गया है|
चंदन कुमार द्वारा लिखित और निर्देशक दीपक कुमार मिश्रा द्वारा प्रस्तुत, यह आपको रुलाता है, हंसाता है, स्तब्ध महसूस कराता है, उदासीन बनाता है और उनके सरल लेकिन साहसिक जीवन का हिस्सा बनाता है।
क्या कहानी है Panchayat Season 3
इस बार भी कहानी फुलेरा गांव की है, सचिव जी का ट्रांसफर रुक गया है या कहें कि रुकवा दिया गया है. फुलेरा पूर्व और पश्चिम को ग्राम आवास योजना के तहत मिलने वाले घरों पर विवाद होता है. विधायक और गांववालों के बीच टकराव होता है और सचिव जी और रिंकी की लव स्टोरी आगे बढ़ती है. प्रह्लाद जिंदगी में आगे बढ़ते हैं और इनकी कहानी के साथ साथ हम भी आगे बढ़ते हैं और सोचते हैं कि हम जिंदगी में कितना आगे बढ़ चुके हैं, कितना भाग चुके हैं. थोड़ा थमना चाहिए, रुकना चाहिए, गांव की ये कहानी महसूस करनी चाहिए|
कैसी है Panchayat Season 3 ?
इस सीरीज को देखने के बाद आपका अपने गांव जाने का मन करेगा और अगर आपका कोई गांव नहीं है तो किसी यार दोस्त के ही गांव जाने का मन कर जाएगा. पहले दो सीजन की तरह ही ये सीरीज आपको खुद से जोड़ लेती है, आपको काफी कुछ महसूस कराती है, मुफ्त का मकान लेने के लिए भी एक बेटा अपन बूढ़ी मां से लड़कर उसे घर से निकाल नहीं पा रहा ताकि उसे वो मकान मिल सके|
गांव के लिए प्रह्लाद फौरन अपने बैंक अकाउंट से 5 लाख रुपए ले आते हैं जबकि आज कोई 5 रुपए नहीं देता. प्रह्लाद का विकास से ये कहना कि तू अपने बेटे की पढ़ाई की चिंता मत कर, आपको बताता है कि इंसानियत और मासूमियत दोनों जिंदा हैं. ये वेब सीरीज आपको अहसास दिलाती है कि शहरों में जिंदगी भले काफी आगे भाग गई हो लेकिन जिस सुकून की तलाश ये बड़े शहरवाले करते हैं वो गांव में ही मिलता है|
Panchayat Season 3 की कहानी बिल्कुल किसी कविता की तरह आगे बढ़ती है. एक ऐसी रफ्तार से जो ना तेज ना ज्यादा धीमी बस आप इसके साथ चलते जाते हैं और बड़े सिंपल से सीन आपको काफी कुछ महसूस करा जाते हैं, सिखा जाते हैं, कुछ दे जाते हैं. जब Panchayat Season 3 खत्म होती है तो आपको लगता है यार जिंदगी में गांववाले जीते हैं हम तो जिंदगी काट रहे |
कैसी एक्टिंग Panchayat Season 3 मै ?
Panchayat Season 3 की जान इसकी राइटिंग और एक्टर्स हैं, इस बार भी हर एक एक्टर ने कमाल किया है. सचिव के रोल में जीतेंद्र कुमार फिर से लाजवाब हैं, वो फुलेरा गांव वापस आकर खुश भी होते हैं और यहां की दिक्कतों से परेशान भी, रिंकी से इश्क भी करते हैं और उन्हें पढ़ाई भी करनी है, हर एक्सप्रेशन में वो लाजवाब हैं. प्रधान जी के किरदार में रघुबीर यादव की एक्टिंग बेमिसाल है, वो ऐसे एक्टर हैं जिनकी एक्टिंग को आप रिव्यू कर ही नहीं सकते. हर बार कमाल का काम करते हैं|
नीना गुप्ता का काम शानदार है, सोशल मीडिया पर अक्सर बड़े मॉर्डन अंदाज में नजर आने वाली नीना गुप्ता यहां सिंपल सी साड़ी में दिल जीत ले जाती हैं. प्रह्लाद के किरदार में फैसल मलिक का काम जबरदस्त है, बेटे के जाने के बाद एक बाप पर क्या बीतती है, ये फैसल आपको अच्छे से महसूस करा देते हैं. विकास के किरदार में चंदन रॉय ने फिर से कमाल का काम किया है, रिंकी के किरदार में सान्विका कमाल लगती हैं, उनका सिंपल और सहज अंदाज दिल जीत लेता है|
बनराकस यानि भूषण के किरदार में दुर्गेश कुमार जबरदस्त हैं, वो गजब तरीके से पाला पलटते हैं और हर बार उनके एक्सप्रेशन कमाल होते हैं. बिनोद के किरदार में अशोक पाठक एक बार फिर कमाल कर जाते हैं. अब तो वो कांस तक जा चुके हैं और यहां उन्हें देखकर ये बात समझ आती है कि ये एक्टर वहां तक कैसे पहुंचा. विधायक जी बने पंकज झा जबरदस्त हैं, वो इस गांव में फसाद की पूरी जड़ हैं और इस किरदार को उन्होंने बड़ी मजबूती से निभाया है. क्रांति देवी के किरदार में सुनीता राजवर ने शानदार काम किया है |
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