Ayodhya Ram Mandir 2024: अयोध्या में राम मंदिर मंदिर की छत पहली ही बारिश में टपकने लगी है। इस बीच खुद निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने इसकी वजह बता दी है
अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुए फिलहाल कुछ ही महीने बीते होंगे और मंदिर की छत पहली ही बारिश में टपकने लगी है। अब यह समस्या इसलिए भी गंभीर मानी जा रही है क्योंकि छत टपकने की बात मंदिर के किसी और दुसरे हिस्से की नहीं बल्कि गर्भ गृह की ही है, जहां रामलला की भव्य मूर्ति विराजमान है।
Ayodhya Ram Mandir 2024: इस गंभीर मामले को खुद राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र मिश्र ने सामने लाया है। उन्होंने बीते सोमवार को कहा कि, ‘गर्भगृह में, जहां रामलला विराजमान हैं, वहां भी पानी भर चुका है। ऐसे में कहीं बिजली का करंट न उतर आए इसलिए सुबह 4 बजे और 6 बजे होने वाली आरती टॉर्च की रोशनी में करनी पड़ी। अगर एक-दो दिन में इंतजाम नहीं हुआ, तो दर्शन और पूजन की व्यवस्था बंद करनी पड़ेगी।’ अब यदि इस स्थिति को तुरंत ठीक नहीं किया गया तो आने वाले बारिश के मौसम में रामलला की पूजा-अर्चना करने तक में भी मुश्किल आ सकती है।
Ayodhya Ram Mandir 2024: क्यों टपकी छत
Ayodhya Ram Mandir 2024: इधर पहली ही बारिश में राम मंदिर की छत चूने की बात से सोशल मीडिया पर मानों बवाल ही मच गया। वहीं निर्माण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं। इस बीच खुद निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने छत से पानी टपकने की वजह बता दी है। मिश्र ने कहा, ‘मैं अयोध्या में ही हूं। मैने पहली मंजिल से बारिश का पानी गिरते हुए देखा है, क्योंकि गुरु मंडप खुला है। जब इसके शिखर का काम पूरा हो जाएगा, तो ये भी ढक जाएगा। फिलहाल ऐसे हालात में ये होना ही है।’
क्यों पहली बारिश में ही टपकने लगी अयोध्या राम मंदिर की छत, सामने आई असली कहानी
हाल ही में अयोध्या के नव-निर्मित राम मंदिर की पहली बारिश के दौरान छत से पानी टपकने की खबरें आईं, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना के पीछे विभिन्न कारण और व्याख्याएं सामने आई हैं।
निर्माण की गुणवत्ता और तकनीकी खामियाँ
Ayodhya Ram Mandir 2024: की निर्माण प्रक्रिया में उपयोग की गई सामग्री और तकनीक की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं। प्रमुख पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने दावा किया कि निर्माण के दौरान कुछ तकनीकी खामियाँ रह गईं, जिसके कारण छत से पानी टपकने लगा। यह समस्या मंदिर के उद्घाटन से पहले ही उजागर हो गई, जिससे निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न उठ खड़े हुए।
Ayodhya Ram Mandir 2024: प्रशासनिक सफाई
Ayodhya Ram Mandir 2024: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने इस समस्या को तकनीकी खामी के बजाय सामान्य घटना बता लीकेज नहीं है, बल्कि बारिश का पानी बिजली के पाइप के जरिए नीचे आया था। इस सफाई के बावजूद, जनता और विशेषज्ञों के मन में संदेह बना हुआ है कि क्या निर्माण प्रक्रिया में सचमुच कोई बड़ी खामी नहीं है।
दरअसल मंदिर की दूसरी मंजिल पर निर्माण कार्य हो रहा है जिससे इसकी छत पूरी तरह खुली हुई है। इसलिए वहां पानी भर गया और छत से नीचे भी टपका। इस तरह खुले फर्श से पानी टपक सकता है। लेकिन अगले महीने के अंत तक दूसरी मंजिल की छत भी बंद हो जाएगी। इससे यह समस्या नहीं होगी।
मंदिर की डिजाइन पर भी सवाल
Ayodhya Ram Mandir 2024: फिलहाल गर्भगृह में भरे हुए पानी को हाथों से या फिर मैन्युअली ही निकाला जा रहा है। ऐसे में पानी की निकासी की समुचीत व्यवस्था ना होने से इसे लेकर मंदिर की डिजाइन पर भी सवाल उठनेपर नृपेंन्द्र मिश्र ने कहा कि गर्भगृह में जल निकासी नहीं है क्योंकि गर्भगृह के पानी को मैन्यूअली ही अवशोषित किया जाता है। बाकी सभी मंडपों में ढलान भी है और निकासी की व्यवस्था भी है।
अब तक 1800 करोड़ खर्च
बता दें कि राम मंदिर में अभी सिर्फ एक फ्लोर ही तैयार है। इसी पर कुल 1800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। मुख्य शिखर, परकोटा, 5 छोटे शिखर 13 मंदिर, ट्रस्ट के ऑफिस, VVIP वेटिंग एरिया, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, लाइब्रेरी और शोथ संस्थान समेत और भी कई काम बाकी हैं। मंदिर के डिजाइन और कंस्ट्रक्शन देखना वालों को कहना है कि बचे काम में 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा भी लग सकते हैं। (2024Ayodhya Ram Mandir )
भविष्य की तैयारी और सुधार
Ayodhya Ram Mandir 2024: इस घटना के बाद, प्रशासन और निर्माण समिति ने तेजी से कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। विशेषज्ञों को बुलाकर निर्माण की गुणवत्ता की जांच की जा रही है और आवश्यक सुधार किए जा रहे हैं। साथ ही, मंदिर के आसपास की सड़कों की मरम्मत और सुधार का काम भी तेजी से किया जा रहा की असुविधा का सामना न करना पड़े।
अयोध्या राम मंदिर की छत से पहली ही बारिश में पानी टपकने की घटना ने न केवल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि प्रशासन और निर्माण समिति के सामने भी कई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। हालाँकि, इसे सुधारने के लिए तेज़ी से काम किया जा रहा है और उम्मीद है कि मंदिर का उद्घाटन समय पर और भव्यता के साथ किया जाएगा।
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