Blackberry Farming: जामुन की उन्नत खेती यानी ब्लैकबेरी फार्मिंग
जामुन की बागवानी से कम लागत, अधिक मुनाफा और ज्यादा पैदावार संभव है। आइए जानते हैं जामुन की खेती कब और कैसे करनी चाहिए,
जामुन की खेती का समय और जलवायु
Blackberry Farming: जामुन की खेती के लिए विशेष समय बरसात के लिए जुलाई-अगस्त और गर्मियों के लिए दिसंबर-जनवरी के मध्य है। जामुन का पौधा सैम शीतोष्ण एवं कटिबंधीय जलवायु का होता है। अत्यधिक बर्फीले ठंडे इलाकों में इसकी खेती नहीं की जा सकती है, लेकिन माध्यम ठंडक और गर्मी की आवश्यकता पड़ती है। फल पकने में बरसात का होना काफी जरूरी है। तापमान अंकुरण के समय 20 से 28 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम 10 से 12 और अधिकतम 38 से 42 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।
भूमि और खेत की तैयारी
Blackberry Farming: जामुन की खेती सभी प्रकार की सॉइल पर की जा सकती है, लेकिन ज्यादा पैदावार के लिए काली दोमट और रेतीली दोमट भूमि उपयुक्त मानी जाती हैं। भूमि की पीएच वैल्यू 5 से 7 तक होनी चाहिए। खेत की तैयारी में गहरी जुताई के बाद कल्टीवेटर की मदद से खेत की मिट्टी को भुरभुरी बनाना चाहिए। खेत के चारों ओर तारबंदी जरूरी है।
पौध रोपण और पौधों की दूरी
Blackberry Farming: प्रति एकड़ में 150 से 160 पौधे लगाने चाहिए। पौधों की दूरी 20 फीट और पौधे से पौधे की दूरी 15 फीट होनी चाहिए। पौधों के लिए 2 फीट चौड़ा और 2 फीट गहरा गड्ढा खोदना चाहिए। पौध रोपण के बाद सिंचाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ग्राफ्टेड पौधे या कलम को ही लगाना चाहिए।
सिंचाई और खाद
Blackberry Farming: जामुन की फसल असिंचित खेती है, यानी कम सिंचाई की आवश्यकता होती है। खरीफ सीजन में सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन गर्मियों में अक्टूबर से अप्रैल तक चार से पांच बार सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। ड्रिप इरिगेशन का उपयोग भी किया जा सकता है।
गोबर की खाद, मुर्गी की खाद, वर्मी पोस्ट, सरसों की खली जैसी खादों का प्रयोग करना चाहिए। एक साल में दो बार खाद का प्रयोग करना चाहिए।
रोग और बीमारी
प्रमुख रूप से मिट्स, फल हिड़क, यांत्रक नोज, वेल्टर, रेड चोटी, फॉल्सडान, फ्रूट रॉट, फ्रूट ड्रॉप, झुलसा, पाउडर मिल्ड्यू और लिप स्पॉट जैसी बीमारियां होती हैं। इनका इलाज निम्नलिखित स्प्रे शेड्यूल से करना चाहिए:
- नीम ऑयल स्प्रे
- वायर कंपनी की कांफिडो इंसेंटिसाइड और मैंगोज़ 75% फंगी साइड स्प्रे
- वायु 303 और वायर कंपनी की इंसेंटिसाइड स्प्रे
- ड्रिंकिंग स्प्रे और फ्लावरिंग स्टेज पर कॉमेडी स्प्रे
उत्पादन और मुनाफा
Blackberry Farming: जामुन का पौधा 2 से 3 साल में फल देना शुरू करता है। प्रति एकड़ में 150 पौधों से लगभग 195 क्विंटल उत्पादन होता है। बाजार में जामुन का रेट ₹20 से ₹65 प्रति किलोग्राम तक होता है। एक एकड़ में 3 लाख रुपए तक का मुनाफा कमाया जा सकता है।
जामुन की खेती कम लागत, कम खाद, कम सिंचाई और कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली फसल है। इस खेती से किसान भाई सालाना 3 लाख रुपए तक कमा सकते हैं। इसके लिए वैज्ञानिक तरीकों से खेती करना महत्वपूर्ण है।
जामुन खाने के फायदे
Blackberry Farming: पाचन क्रिया के लिए जामुन बहुत फायदेमंद होता है। जामुन खाने से पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं। मधुमेह के रोगियों के लिए जामुन एक रामबाण उपाय है. जामुन के बीज सुखाकर पीस लें. इस पाउडर को खाने से मधुमेह में काफी फायदा होता है। मधुमेह के अलावा इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर से बचाव में कारगर होते हैं।
इसके अलावा पथरी की रोकथाम में भी जामुन खाना फायदेमंद होता ह। इसके बीज को बारीक पीसकर पानी या दही के साथ लेना चाहिए। अगर किसी को दस्त हो रहे हों तो जामुन को सेंधा नमक के साथ खाना फायदेमंद रहता है। खूनी दस्त होने पर भी जामुन के बीज बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। दांत और मसूड़ों से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान में जामुन विशेषतौर पर फायदेमंद होता है।
Blackberry Farming: इसके बीज को पीस लीजिए। इससे मंजन करने से दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं। जामुन में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और पोटेशियम होता है। आयुर्वेद में जामुन को भोजन के बाद खाने की सलाह दी जाती है। यही नहीं जामुन की लकड़ी के भी फायदे हैं Blackberry Farming
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