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Color prediction game scams : ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स के खतरे – कलर प्रेडिक्शन गेम का सच

Color prediction game scams

Color prediction game scams : 2020 में चेन्नई के एक कॉलेज में पढ़ाई कर रहा एक छात्र, अपने घर की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए, टैटू आर्टिस्ट की पार्ट-टाइम जॉब करने लगा। यह जॉब उसके परिवार की स्थिति सुधारने लगी। लेकिन, अधिक पैसे कमाने की लालच में वह एक ऑनलाइन बेटिंग ऐप में पैसे लगाने लगा और हार गया। उसे लगा कि अगले मौके में वह पैसे रिकवर कर लेगा, लेकिन वह फिर से हार गया। एक बार जीतने के बाद उसे विश्वास हो गया कि इस गेम में पैसे खोने के साथ-साथ कमाए भी जा सकते हैं। धीरे-धीरे, वह इस ऑनलाइन बैटिंग ऐप का एडिक्ट हो गया और उसकी जिंदगी इस जुए के जाल में फंस गई। अंततः, कर्ज़ और मानसिक दबाव के चलते नितीश ने सुसाइड करने का निर्णय लिया, जिसने उसके परिवार को पूरी तरह तोड़ कर रख दिया।

ऑनलाइन बेटिंग के खतरे – यह कहानी अकेले नितीश की नहीं है, बल्कि ऐसे कई और लोग हैं जो ऑनलाइन बेटिंग के चक्कर में अपनी जिंदगी और पैसा गंवा चुके हैं।

कलर प्रेडिक्शन गेम का सच

सोशल मीडिया पर कई लोग ऑनलाइन बैटिंग ऐप्स को प्रमोट करते हैं, जहां पर वे दावा करते हैं कि गेम खेलकर लाखों रुपये कमाए जा सकते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि इन ऐप्स का मकसद सिर्फ और सिर्फ आपके पैसे लूटना होता है और आपको जुए का आदी बनाना होता है।

कलर प्रेडिक्शन गेम, जिसे गेम ऑफ स्किल कहा जाता है, असल में गेम ऑफ चांस होता है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, किसी भी गेम का प्रमुख तत्व स्किल होना चाहिए, न कि लक। गेम ऑफ स्किल में मेंटल एबिलिटी, फिजिकल एबिलिटी और स्ट्रेटेजी होती है, जबकि गेम ऑफ चांस में सब कुछ लक पर निर्भर होता है।

इन ऐप्स का पूरा ऑपरेशन इस तरह से होता है कि ये मार्केट से ज्यादा से ज्यादा पैसा खींच सकें। यह पैसा कोई एडवर्टाइजमेंट या प्रोडक्ट सेल करके नहीं कमाया जाता, बल्कि यह आपके मेहनत की कमाई को लूटकर कमाया जाता है।

गेम ऑफ चांस की लीगलिटी

भारत में गेम ऑफ चांस या लक फैक्टर पर खेले जाने वाली कोई भी गेम जिसमें पैसे का इवोल्वमेंट होता है, वह इलीगल होती है। ये कंपनीज बिना किसी लाइसेंस या जीएसटी सर्टिफिकेट्स के काम करती हैं। हरियाणा पुलिस ने हाल ही में ऐसे सात लोगों को गिरफ्तार किया है जो लकी 66 नामक ऐप के जरिए लोगों से पैसे लूट रहे थे।

ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स के काम करने का तरीका –

ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स को इस तरह से प्रमोट किया जाता है कि ये गेम ऑफ स्किल की तरह लगें, जबकि हकीकत में ये गेम ऑफ चांस होते हैं। ये ऐप्स लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए बड़े-बड़े प्रॉफिट्स दिखाते हैं, जो कि ज्यादातर फेक होते हैं।

बेटिंग ऐप्स का प्रमोशन और सच्चाई

सोशल मीडिया पर कई लोग इन बेटिंग ऐप्स को प्रमोट करते हैं। ये एप्स दावा करते हैं कि लोग इनसे लाखों रुपये कमा सकते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि ये ऐप्स सिर्फ आपके पैसे लूटने का जरिया हैं। ये एप्स लोगों को एडिक्ट बना देती हैं और उनका सारा पैसा हड़प लेती हैं।

क्या करें ?

इस तरह के स्कैम्स से बचने के लिए सबसे पहले अवेयरनेस फैलाना जरूरी है। सोशल मीडिया पर इन एप्स को प्रमोट करने वाले लोगों से बचें और उनके झूठे दावों पर विश्वास न करें। याद रखें, जुए से कमाया हुआ पैसा कभी नहीं बचता और यह पैसा किसी न किसी फालतू चीज में चला ही जाता है।

अपने दोस्तों और परिवार को इस खतरे से आगाह करें और इस आर्टिकल को जितना हो सके शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस स्कैम से बच सकें। अगर आप इस आर्टिकल को पढ़कर जागरूक हुए हैं तो इसे लाइक और सब्सक्राइब करना न भूलें।

 

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